सरकार ने एटोमिक बिल संसद में पेश नहीं करने का विचार किया और नहीं पेश किया. कारण बिपक्ष का भारी विरोध हो सकता था . इस बिल के पास होने के एटोमिक दुर्घटना होने पे उसके पीडितो को मुवाबज़ा देने का प्रावधान था, वो भी बहुत कम समय में . यही अगर सांसदों के लिए मुवाबजे का बिल होता तो तो पक्ष और विपक्ष दोनी ही खुशी ख़ुशी इसे पास करते. जय हो नेताजी , तुम्हारी महिमा अपरम्पार है.
1 टिप्पणी:
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
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